Ballia News: जब उनके इकलौते बेटे की बॉडी आई, तो परिवार टूट गया
Ballia News: बहन ने कहा, "अब छोटे बेटे की शादी कौन करेगा?" और पिता कांपते हाथों से चिता को आग लगा रहे थे।
Ballia News: बलिया में अपराधियों द्वारा मारे गए इकलौते बेटे आयुष यादव का शव जैसे ही घर पहुंचा, पूरा परिवार गम में डूब गया। आंगन से लेकर सड़कों तक दर्द और दुख की चीखें गूंज रही थीं। हर चेहरा हैरान था और हर आंख नम थी। यह वही घर था जहां कुछ घंटे पहले आयुष के घर लौटने की उम्मीद थी, लेकिन अब वहां उदासी और सन्नाटा पसरा हुआ था।
अपने इकलौते बेटे को खोने से पिता बच्चा यादव पूरी तरह टूट चुके थे। वह फूट-फूट कर रो रहे थे। कांपते हाथों से उन्होंने तुर्तीपार घाट पर चिता को आग दी, जब अंतिम संस्कार का समय आया। यह नजारा देखकर सभी की आंखों में आंसू आ गए। दिवंगत आयुष की शादीशुदा बहन और बड़ी अंजलि तो रो पड़ी। वह कभी अपने रोते हुए पिता को दिलासा देने के लिए कहती, "पापा, हिम्मत रखो... हम यहां हैं, हम आपके बेटे हैं।" कभी चिल्लाकर कहती, "अब छोटी की शादी कौन करेगा?" और वहां मौजूद लोगों को हिला देती। बहन के अपने भाई के लिए दुख में सिसकने से सबका दिल टूट गया। माँ की चीख: अब मेरे पास जीने का सहारा नहीं है।
जब आयुष की माँ देवी को अपने बेटे की मौत के बारे में पता चला, तो वह बेहोश हो गईं। होश में आते ही वह बस इतना ही कह पाईं, "हे भगवान, तुमने यह क्या कर दिया?" तुमने मेरी ज़िंदगी का सहारा छीन लिया है। मुझे उसके पास ले आओ, प्लीज़। "अब हम किस पर निर्भर रहेंगे?" उन्होंने दोहराया। मेरा ज़िंदगी का सहारा कातिलों ने छीन लिया है। दो बहनों में आयुष इकलौता भाई था।
अपने माता-पिता की इकलौती संतान आयुष यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। दो बहनों में वह इकलौता भाई था। उसकी छोटी बहन अभी भी सिंगल है और अपनी पढ़ाई कर रही है, जबकि उसकी बड़ी बहन अंजलि की शादी हो चुकी है। उसकी माँ घर पर रहती है जबकि उसके पिता बच्चा यादव सड़कों के लिए काम करते हैं।
आयुष अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वाराणसी के एक होटल में काम करता था और करियर की तैयारी भी कर रहा था। कुछ दिन पहले ही वह घर लौटा था। शव आते ही हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी। पोस्टमॉर्टम के बाद वाराणसी से पुलिस वैन के साथ एंबुलेंस से आयुष का शव गांव आते ही हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी। जिधर देखो उधर चीख-पुकार सुनाई दे रही थी। परिजनों को ढांढस बंधाने का प्रयास किया गया, लेकिन उनकी गुहार सफल नहीं हुई। घर से थोड़ी दूर पर उसे गोली मार दी गई। पूरी घटना उभांव थाने के आसपास हुई।
शनिवार की रात बदमाशों ने घर पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। थोड़ी दूर पर आयुष यादव को गोली मार दी गई। घटना से दहशत फैल गई। सूचना पाकर मौके पर पुलिस बल के साथ पहुंचे प्रभारी निरीक्षक ने घायल आयुष को आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीयर पहुंचाया। वहां से उसे मऊ व वाराणसी रेफर कर दिया गया, जहां ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। शिकायत के मुताबिक, रॉबिन सिंह, पवन सिंह, रोहित और राज ने पुरानी रंजिश के चलते आयुष के सीने में गोली मारकर उसकी हत्या करने की साजिश रची। पुलिस ने कानून के तहत चारों आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है।
मामले की CCTV फुटेज इलाके और घटनास्थल पर लगे कैमरों से सामने आई है। वीडियो में तीन नकाबपोश बदमाश बाइक चलाते दिख रहे हैं। गोली लगने के बाद घायल आयुष घर से भागता हुआ दिख रहा है और फिर उसके परिवार वाले उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जा रहे हैं। पांच टीमें बनाई गईं और गिरफ्तारियों की संख्या बढ़ाई गई। आयुष की हत्या के मामले में संदिग्ध को पकड़ने के लिए पुलिस की पांच टीमें बनाई गई हैं। पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह का दावा है कि जल्द ही मामले को सुलझा लिया जाएगा और अन्य लोगों से पूछताछ की जा रही है। अपने इकलौते बेटे की हत्या से पूरा परिवार टूट गया है। गांव से लेकर घाट तक बस एक ही सवाल गूंज रहा है: आयुष का क्या कसूर था?
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